Friday, 23 September 2016

✨🌟☄ जीलो वो जिन्दगी, जो गर्व से तुम्हे याद रहे ✨🌟☄ - " जश्न-ए-जिन्दगी चलती रहे ‍‍"

जीलो वो जिन्दगी, जो गर्व से तुम्हे याद रहे

आस्मासा ऊॅंचा हो सर तेरा, फकर् से तु हर बात कहे,

जीलो वो जिन्दगी, जो गर्व से तुम्हे याद रहे

 

जीलो वो उन लम्हों को, जो हर पल के लिए तेरे साथ हो,

कैद कर लो उन यादों को, जिनसे जुड़े तेरे जज़बात हो,

सीखे ये दुनिया तुझसे, तझमे वो हर ऐसी बात हो,

जीलो वो उन लम्हों को, जो हर पल के लिए तेरे साथ हो,

 

 किसे पता, कब थम जाएगी ये घड़ीयां जिन्दगी की,

छिनलो ये वक्त और ईसकी हर एक बिसात को,

मना लो उन मायुसीभरी क्षणों को भी,

जो सुलग रही थी जाने कबसे, देख के तेरे जीने के अंदाज को,

जीलो वो जिन्दगी, जो हर लबो को सदा याद हो

 

ये जो तुक्बदिंयो का सिलसिल्ला जारी है, तेरी कलम से,

एक दिन सबके दिलों पे भी छा जाएगा,

क्या फर्क पडता है बन्जर--गुलिस्तां को, ग़र आस्मा भी कहर बरसाएगा,

जो भीगा सके जर्रा जर्रा, ऐसी भी क्या बरसात हो,

आज जमके भीग लो इस हसीं भुहार में, जाने फिर इन घटाओ से कब दुबारा मुलाकात हो,

 

जीना ये जिन्दगी इस कदर, मानो सावन की आखरी बहार हो,

कैद कर लो इन लम्हों को, जो हर पल के लिए तेरे साथ हो,

 

जीलो वो जिन्दगी, जो गर्व से तुम्हे याद रहे

आस्मासा ऊॅंचा हो सर तेरा, फकर् से तु हर बात कहे,

जीलो वो जिन्दगी, जो गर्व से तुम्हे याद रहे


from Exclusive Collection of UrHarry

 

💫🌟✨💥☄ Jee lo woh jindagi, jo garv se tumhe yaad rahe ☄💥✨🌟💫 - Life is a Celebration !!

Jee lo woh jindagi, jo garv se tumhe yaad rahe
asma sa uncha ho sar tera, fakr se tu har baat kahe
Jee lo woh jindagi, jo garv se tumhe yaad rahe

jee lo un lamho ho, jo har pal ke liye tere saath ho,
kaid kar lo un yaddon ko, jinse jude tere zasbaat ho,
seekhe yeh duniya tujhse, tujhme woh har aisee baat ho,
jee lo un lamho ho, jo har pal ke liye tere saath ho,

Kise pata, kab tham jayegi yeh ghadiyan zindagi ki,
cheen lo yeh waqt aur iski har ek bisaat ko,
mana lo in mayusi bhari shanon ko bhi,
jo sulag rahi thi jane kabse, dekh ke tere jine ke andaz ko
Jee le woh jindagi, jo har labo ko sada yaad ho.

yeh jo tookbandiyon ka silsilla jazri hai, teri kalam se,
ek din sabke dilo pe bhi chha jayega,
kya fark padta hai banzar-e-gulistan ko, gar asma bhi kahar barsayega,
jo bhegaa na sake zarra zarra, aisi bhi kya barsaat ho,
aaj jamke bheeg lo is haseen phuhaar main, jane phir kab en ghatoan se mulakaat ho,

jeena yeh zindagi iss kadar, mano sawwan ke akhri bahaar ho,
kaid kar en lamho ho, jo har pal ke liye tere saath ho,

Jee lo woh jindagi, jo garv se tujhe yaad rahe
uncha sar ho tera asma ki taraf, fakr se tu har baat kahe
Jee lo woh jindagi, jo garv se tujhe yaad rahe...

From Exclusive Collection of UrHarry

Thursday, 22 September 2016

👍 🎗 ⛷ 🏅 Live Your Life, You Could Remember 🎷 🐎 🏌🏆 🏇

After Few years, When all our shadows disappeared
The animals inside came out to play with peers
When face to face with all our fears
Learned our lessons through the tears
Made memories we knew would never fade
dont see you in others, you are precious of what have been made

One day my dad tolds me,
"Son, don't let all this skip away"
He took me in his arms, I heard what he said,

"When you get older
Your heart will want to live younger,
Think of me if you not trust me longer"

Enjoy the little life with fun and
make the fun at night with your loved one
could be your love or your friend
that night will never die, live forever till end....

Dad said- One day you have to leave this world behind
So, live a life, you will remember.
Make this life too big, so that people wish to live this forever,
My Dad treats me that way when I was just a child
His touch of affection and that was so mild
there are lovely days and above that those memorable nights,
those nights were still young in everybody's heartz

When clouds start showering blessings below
Light a fire brought your eyes to glow
looking your name over those glittering stars
breezy air floats the fragrance of the flowers
Dad said - Go high far beyond the home,
Don't forsake this life of yours.
I'll guide you home no matter where you are."

So live a life you could remember
You are king your the one you are the owner
so keep this life free from fears, stay with those who really cares
Work hard Every day and enjoy every night
because these night will never die...
will live forever with you and keeps on fly
keep your passion up and live it forever
and live the life you could remember

- thanks with love from UrHarry & inspired from composition of Songwriters
ASH POURNOURI, GABRIEL BENJAMIN, JOHN FELDMANN, JORDAN SUECOF, NICHOLAS FURLONG, TIM BERGLING (Thank to all of you)

Sunday, 11 September 2016

Memorable Momentz: �� Make Your Life King Size !! ��

Memorable Momentz: �� Make Your Life King Size !! ��: Live Life, King Size, There is no space for compromise, Keep it simple, Flying high consistently moving, keep on rise Live Life King S...

👑 Make Your Life King Size !! 👑


Live Life, King Size,
There is no space for compromise,
Keep it simple, Flying high
consistently moving, keep on rise
Live Life King Size

No Matter what you lies...
Buts important to soar high..
moments, you are waiting for ...
enjoy them before they fly...

long roads may panic you
but they ends up with the sucess of sky
struggles are the indicators of life
to decide better how to fly

you are back to your goal
as long as you cries
let wipe out those grudges
and let begin without shy


Live this life, lets make this memorable,
people knew it & follows you forever
wake up and win this battle, hey musketeer !
get up before every hope dies, You are not that precise...
Live Life, King Size.


Enjoy this moment and live this life,
not matter where are you from,
Its your life make it large...
not only the big in height,
it should be the king in size...

Live Life, King Size,
There should be no space for compromise.

Memorable Momentz: Don't Just Stop !!

Memorable Momentz: Don't Just Stop !!: People may be so cunning but the trust which u carrying save it buddy, whatever remaining bcoz when they start hurting everythin...

Don't Just Stop !!



People may be so cunning
but the trust which u carrying
save it buddy, whatever remaining
bcoz when they start hurting
everything begins paining

some times nothing remaining
so alert dude, its high time
to cover your emotions, before somebody weeping
walls can be repaired, but heart keeps on breaking

people may be so cunning

don’t stop, just keep on running !!

From Collection of UrHarry

Memorable Momentz: Dekhte Hi Dekhte Lamhien Fanaa Ho Jate Hain...

Memorable Momentz: Dekhte Hi Dekhte Lamhien Fanaa Ho Jate Hain...: देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते  हैं.. सुबह की सैर में कभी चक्कर खा जाते है .. सारे मौहल्ले को पता है...पर हमसे छुपाते है दिन प...

Memorable Momentz: Jeeval Ka Phalsafaaa

Memorable Momentz: Jeeval Ka Phalsafaaa: जीवन के 20 साल हवा की तरह उड़ गए । फिर शुरू हुई नोकरी की खोज । ये नहीं वो , दूर नहीं पास । ऐसा करते करते 2 .. 3 नोकरियाँ छोड़ने एक तय हुई। थो...

Jeeval Ka Phalsafaaa

जीवन के 20 साल हवा की तरह उड़ गए । फिर शुरू हुई नोकरी की खोज । ये नहीं वो , दूर नहीं पास । ऐसा करते करते 2 .. 3 नोकरियाँ छोड़ने एक तय हुई। थोड़ी स्थिरता की शुरुआत हुई।

फिर हाथ आया पहली तनख्वाह का चेक। वह बैंक में जमा हुआ और शुरू हुआ अकाउंट में जमा होने वाले शून्यों का अंतहीन खेल। 2- 3 वर्ष और निकल गए। बैंक में थोड़े और शून्य बढ़ गए। उम्र 27 हो गयी।

और फिर विवाह हो गया। जीवन की राम कहानी शुरू हो गयी। शुरू के 2 ..  4 साल नर्म , गुलाबी, रसीले , सपनीले गुजरे । हाथो में हाथ डालकर घूमना फिरना, रंग बिरंगे सपने। पर ये दिन जल्दी ही उड़ गए।

और फिर बच्चे के आने ही आहट हुई। वर्ष भर में पालना झूलने लगा। अब सारा ध्यान बच्चे पर केन्द्रित हो गया। उठना - बैठना, खाना - पीना, लाड - दुलार ।

समय कैसे फटाफट निकल गया, पता ही नहीं चला।
इस बीच कब मेरा हाथ उसके हाथ से निकल गया, बाते- करना घूमना - फिरना कब बंद हो गया दोनों को पता ही न चला।

बच्चा बड़ा होता गया। वो बच्चे में व्यस्त हो गयी, मैं अपने काम में । घर और गाडी की क़िस्त, बच्चे की जिम्मेदारी, शिक्षा और भविष्य की सुविधा और साथ ही बैंक में शुन्य बढाने की चिंता। उसने भी अपने आप काम में पूरी तरह झोंक दिया और मेने भी....

इतने में मैं 37 का हो गया। घर, गाडी, बैंक में शुन्य, परिवार सब है फिर भी कुछ कमी है ? पर वो है क्या समझ नहीं आया। उसकी चिड चिड बढती गयी, मैं उदासीन होने लगा।

इस बीच दिन बीतते गए। समय गुजरता गया। बच्चा बड़ा होता गया। उसका खुद का संसार तैयार होता गया। कब 10वि   anniversaryआई और चली गयी पता ही नहीं चला। तब तक दोनों ही 40 42 के हो गए। बैंक में शुन्य बढ़ता ही गया।

एक नितांत एकांत क्षण में मुझे वो गुजरे दिन याद आये और मौका देख कर उस से कहा " अरे जरा यहाँ आओ, पास बैठो। चलो हाथ में हाथ डालकर कही घूम के आते हैं।"

उसने अजीब नजरो से मुझे देखा और कहा कि " तुम्हे कुछ भी सूझता है यहाँ ढेर सारा काम पड़ा है तुम्हे बातो की सूझ रही है।"
कमर में पल्लू खोंस वो निकल गयी।

तो फिर आया पैंतालिसवा साल, आँखों पर चश्मा लग गया, बाल काला रंग छोड़ने लगे, दिमाग में कुछ उलझने शुरू हो गयी।

बेटा उधर कॉलेज में था, इधर बैंक में शुन्य बढ़ रहे थे। देखते ही देखते उसका कॉलेज ख़त्म। वह अपने पैरो पे खड़ा हो गया। उसके पंख फूटे और उड़ गया परदेश।


उसके बालो का काला रंग भी उड़ने लगा। कभी कभी दिमाग साथ छोड़ने लगा। उसे चश्मा भी लग गया। मैं खुद बुढा हो गया। वो भी उमरदराज लगने लगी।

दोनों 55 से 60 की और बढ़ने लगे। बैंक के शून्यों की कोई खबर नहीं। बाहर आने जाने के कार्यक्रम बंद होने लगे।

अब तो गोली दवाइयों के दिन और समय निश्चित होने लगे। बच्चे बड़े होंगे तब हम साथ रहेंगे सोच कर लिया गया घर अब बोझ लगने लगा। बच्चे कब वापिस आयेंगे यही सोचते सोचते बाकी के दिन गुजरने लगे।

एक दिन यूँ ही सोफे पे बेठा ठंडी हवा का आनंद ले रहा था। वो दिया बाती कर रही थी। तभी फोन की घंटी बजी। लपक के फोन उठाया। दूसरी तरफ बेटा था। जिसने कहा कि उसने शादी कर ली और अब परदेश में ही रहेगा।

उसने ये भी कहा कि पिताजी आपके बैंक के शून्यों को किसी वृद्धाश्रम में दे देना। और आप भी वही रह लेना। कुछ और ओपचारिक बाते कह कर बेटे ने फोन रख दिया।

मैं पुन: सोफे पर आकर बेठ गया। उसकी भी पूजा ख़त्म होने को आई थी। मैंने उसे आवाज दी "चलो आज फिर हाथो में हाथ लेके बात करते हैं"
वो तुरंत बोली " अभी आई"।

मुझे विश्वास नहीं हुआ। चेहरा ख़ुशी से चमक उठा। आँखे भर आई। आँखों से आंसू गिरने लगे और गाल भीग गए । अचानक आँखों की चमक फीकी पड़ गयी और मैं निस्तेज हो गया। हमेशा के लिए !!

उसने शेष पूजा की और मेरे पास आके बैठ गयी " बोलो क्या बोल रहे थे?"

लेकिन मेने कुछ नहीं कहा। उसने मेरे शरीर को छू कर देखा। शरीर बिलकुल ठंडा पड गया था। मैं उसकी और एकटक देख रहा था।

क्षण भर को वो शून्य हो गयी।
" क्या करू? "

उसे कुछ समझ में नहीं आया। लेकिन एक दो मिनट में ही वो चेतन्य हो गयी। धीरे से उठी पूजा घर में गयी। एक अगरबत्ती की। इश्वर को प्रणाम किया। और फिर से आके सोफे पे बैठ गयी।

मेरा ठंडा हाथ अपने हाथो में लिया और बोली
" चलो कहाँ घुमने चलना है तुम्हे ? क्या बातें करनी हैं तुम्हे?" बोलो !!

ऐसा कहते हुए उसकी आँखे भर आई !!......
वो एकटक मुझे देखती रही। आँखों से अश्रु धारा बह निकली। मेरा सर उसके कंधो पर गिर गया। ठंडी हवा का झोंका अब भी चल रहा था।

From One of the Best Message I received.................................UrHarry

Jeeval Ka Phalsafaaa

जीवन के 20 साल हवा की तरह उड़ गए । फिर शुरू हुई नोकरी की खोज । ये नहीं वो , दूर नहीं पास । ऐसा करते करते 2 .. 3 नोकरियाँ छोड़ने एक तय हुई। थोड़ी स्थिरता की शुरुआत हुई।

फिर हाथ आया पहली तनख्वाह का चेक। वह बैंक में जमा हुआ और शुरू हुआ अकाउंट में जमा होने वाले शून्यों का अंतहीन खेल। 2- 3 वर्ष और निकल गए। बैंक में थोड़े और शून्य बढ़ गए। उम्र 27 हो गयी।

और फिर विवाह हो गया। जीवन की राम कहानी शुरू हो गयी। शुरू के 2 ..  4 साल नर्म , गुलाबी, रसीले , सपनीले गुजरे । हाथो में हाथ डालकर घूमना फिरना, रंग बिरंगे सपने। पर ये दिन जल्दी ही उड़ गए।

और फिर बच्चे के आने ही आहट हुई। वर्ष भर में पालना झूलने लगा। अब सारा ध्यान बच्चे पर केन्द्रित हो गया। उठना - बैठना, खाना - पीना, लाड - दुलार ।

समय कैसे फटाफट निकल गया, पता ही नहीं चला।
इस बीच कब मेरा हाथ उसके हाथ से निकल गया, बाते- करना घूमना - फिरना कब बंद हो गया दोनों को पता ही न चला।

बच्चा बड़ा होता गया। वो बच्चे में व्यस्त हो गयी, मैं अपने काम में । घर और गाडी की क़िस्त, बच्चे की जिम्मेदारी, शिक्षा और भविष्य की सुविधा और साथ ही बैंक में शुन्य बढाने की चिंता। उसने भी अपने आप काम में पूरी तरह झोंक दिया और मेने भी....

इतने में मैं 37 का हो गया। घर, गाडी, बैंक में शुन्य, परिवार सब है फिर भी कुछ कमी है ? पर वो है क्या समझ नहीं आया। उसकी चिड चिड बढती गयी, मैं उदासीन होने लगा।

इस बीच दिन बीतते गए। समय गुजरता गया। बच्चा बड़ा होता गया। उसका खुद का संसार तैयार होता गया। कब 10वि   anniversaryआई और चली गयी पता ही नहीं चला। तब तक दोनों ही 40 42 के हो गए। बैंक में शुन्य बढ़ता ही गया।

एक नितांत एकांत क्षण में मुझे वो गुजरे दिन याद आये और मौका देख कर उस से कहा " अरे जरा यहाँ आओ, पास बैठो। चलो हाथ में हाथ डालकर कही घूम के आते हैं।"

उसने अजीब नजरो से मुझे देखा और कहा कि " तुम्हे कुछ भी सूझता है यहाँ ढेर सारा काम पड़ा है तुम्हे बातो की सूझ रही है।"
कमर में पल्लू खोंस वो निकल गयी।

तो फिर आया पैंतालिसवा साल, आँखों पर चश्मा लग गया, बाल काला रंग छोड़ने लगे, दिमाग में कुछ उलझने शुरू हो गयी।

बेटा उधर कॉलेज में था, इधर बैंक में शुन्य बढ़ रहे थे। देखते ही देखते उसका कॉलेज ख़त्म। वह अपने पैरो पे खड़ा हो गया। उसके पंख फूटे और उड़ गया परदेश।


उसके बालो का काला रंग भी उड़ने लगा। कभी कभी दिमाग साथ छोड़ने लगा। उसे चश्मा भी लग गया। मैं खुद बुढा हो गया। वो भी उमरदराज लगने लगी।

दोनों 55 से 60 की और बढ़ने लगे। बैंक के शून्यों की कोई खबर नहीं। बाहर आने जाने के कार्यक्रम बंद होने लगे।

अब तो गोली दवाइयों के दिन और समय निश्चित होने लगे। बच्चे बड़े होंगे तब हम साथ रहेंगे सोच कर लिया गया घर अब बोझ लगने लगा। बच्चे कब वापिस आयेंगे यही सोचते सोचते बाकी के दिन गुजरने लगे।

एक दिन यूँ ही सोफे पे बेठा ठंडी हवा का आनंद ले रहा था। वो दिया बाती कर रही थी। तभी फोन की घंटी बजी। लपक के फोन उठाया। दूसरी तरफ बेटा था। जिसने कहा कि उसने शादी कर ली और अब परदेश में ही रहेगा।

उसने ये भी कहा कि पिताजी आपके बैंक के शून्यों को किसी वृद्धाश्रम में दे देना। और आप भी वही रह लेना। कुछ और ओपचारिक बाते कह कर बेटे ने फोन रख दिया।

मैं पुन: सोफे पर आकर बेठ गया। उसकी भी पूजा ख़त्म होने को आई थी। मैंने उसे आवाज दी "चलो आज फिर हाथो में हाथ लेके बात करते हैं"
वो तुरंत बोली " अभी आई"।

मुझे विश्वास नहीं हुआ। चेहरा ख़ुशी से चमक उठा। आँखे भर आई। आँखों से आंसू गिरने लगे और गाल भीग गए । अचानक आँखों की चमक फीकी पड़ गयी और मैं निस्तेज हो गया। हमेशा के लिए !!

उसने शेष पूजा की और मेरे पास आके बैठ गयी " बोलो क्या बोल रहे थे?"

लेकिन मेने कुछ नहीं कहा। उसने मेरे शरीर को छू कर देखा। शरीर बिलकुल ठंडा पड गया था। मैं उसकी और एकटक देख रहा था।

क्षण भर को वो शून्य हो गयी।
" क्या करू? "

उसे कुछ समझ में नहीं आया। लेकिन एक दो मिनट में ही वो चेतन्य हो गयी। धीरे से उठी पूजा घर में गयी। एक अगरबत्ती की। इश्वर को प्रणाम किया। और फिर से आके सोफे पे बैठ गयी।

मेरा ठंडा हाथ अपने हाथो में लिया और बोली
" चलो कहाँ घुमने चलना है तुम्हे ? क्या बातें करनी हैं तुम्हे?" बोलो !!

ऐसा कहते हुए उसकी आँखे भर आई !!......
वो एकटक मुझे देखती रही। आँखों से अश्रु धारा बह निकली। मेरा सर उसके कंधो पर गिर गया। ठंडी हवा का झोंका अब भी चल रहा था।

From One of the Best Message I received.................................UrHarry

Memorable Momentz: Keep Happy & Smiling

Memorable Momentz: Keep Happy & Smiling: Keep yourself cool and sometime calm People are surging behind You are one to hold some time May be fortune brought you every ...

Keep Happy & Smiling



Keep yourself cool and sometime calm

People are surging behind
You are one to hold some time
May be fortune brought you every thing
But the trouble doesn’t knocks fine


Keep your spirit up and carry lovely smile
There is endless road, to rediscover a mile
How to believe another, how you denial
No matter how far you are, 

But, Be persistent to your belief n don’t go futile

remain glittering your eyes and share every green smile

Dekhte Hi Dekhte Lamhien Fanaa Ho Jate Hain...

देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते  हैं..
सुबह की सैर में कभी चक्कर खा जाते है ..
सारे मौहल्ले को पता है...पर हमसे छुपाते है
दिन प्रतिदिन अपनी खुराक घटाते हैं और
तबियत ठीक होने की बात फ़ोन पे बताते है.
ढीली हो गए कपड़ों को टाइट करवाते है,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..

किसी के देहांत की खबर सुन कर घबराते है,
और अपने परहेजों की संख्या बढ़ाते है,
हमारे मोटापे पे हिदायतों के ढेर लगाते है,
"रोज की वर्जिश"के फायदे गिनाते है.
‘तंदुरुस्ती हज़ार नियामत "हर दफे बताते है,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..

हर साल बड़े शौक से अपने बैंक जाते है,
अपने जिन्दा होने का सबूत देकर हर्षाते है,
जरा सी बढी पेंशन पर फूले नहीं समाते है,
और FIXED DEPOSIT रिन्ऊ करते जाते है,
खुद के लिए नहीं हमारे लिए ही बचाते है.
 देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..

चीज़ें रख के अब अक्सर भूल जाते है,
फिर उन्हें ढूँढने में सारा घर सर पे उठाते है,
और एक दूसरे को बात बात में हड़काते है,
पर एक दूजे से अलग भी नहीं रह पाते है.
एक ही किस्से को बार बार दोहराते है,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..

चश्में से भी अब ठीक से नहीं देख पाते है,
बीमारी में दवा लेने में नखरे दिखाते है,
एलोपैथी के बहुत सारे साइड इफ़ेक्ट बताते है,
और होमियोपैथी/आयुर्वेदिक की ही रट लगाते है,
ज़रूरी ऑपरेशन को भी और आगे टलवाते है.
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..

उड़द की दाल अब नहीं पचा पाते है,
लौकी तुरई और धुली मूंगदाल ही अधिकतर खाते है,
दांतों में अटके खाने को तिली से खुजलाते हैं,
पर डेंटिस्ट के पास जाने से कतराते हैं,
"काम चल तो रहा है" की ही धुन लगाते है.
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं..

हर त्यौहार पर हमारे आने की बाट देखते है,
अपने पुराने घर को नई दुल्हन सा चमकाते है,
हमारी पसंदीदा चीजों के ढेर लगाते है,
हर छोटी बड़ी फरमाईश पूरी करने के लिए माँ रसोई और पापा बाजार दौडे चले जाते है,
पोते-पोतियों से मिलने को कितने आंसू टपकाते है,
देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते है..

देखते ही देखते जवान माँ-बाप बूढ़े हो जाते है..